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Credit Score: क्या आपका क्रेडिट स्कोर कम है, इन तरीकों से बढ़ाए अपना स्कोर
Credit Score: क्या आपका क्रेडिट स्कोर कम है, इन तरीकों से बढ़ाए अपना स्कोर
यदि आप इस साल या आने वाले समय में एक मकान या कार खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको क्रेडिट स्कोर के महत्व को अच्छी तरह समझना होगा। क्रेडिट स्कोर भारत में सिबिल, एक्सपेरियन और ट्रांस यूनियन जैसी कई कंपनियां देती है। आपका क्रेडिट स्कोर सिर्फ एक नंबर नहीं है बल्कि यह आपके फाइनेंशियल हेल्थ का एक इंडिकेशन भी है और एक लेंडर आपके लोन रीपेमेंट बिहेवियर और क्रेडिबिलिटी को समझने के लिए इसे जरूर देखता है।
आम तौर पर इसी के आधार पर यह तय किया जाता है कि आपको लोन देना चाहिए या नहीं और लोन का इंटरेस्ट कितना होना चाहिए। यदि आप एक लोन के लिए अप्लाई करते हैं और खराब क्रेडिट स्कोर के कारण आपका एप्लीकेशन रिजेक्ट हो जाता है तो आपका क्रेडिट स्कोर और नीचे गिर जाएगा।
इसलिए एक बैंक में एक लोन मांगने के लिए जाने से पहले आपको ऑनलाइन पर अपने क्रेडिट स्कोर की एक सॉफ्ट जांच कर लेनी चाहिए। लेंडर्स आम तौर पर 750 के क्रेडिट स्कोर को बेहतर मानते हैं। इससे कम स्कोर वाला क्रेडिट स्कोर आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
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लेकिन आप अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बना सकते हैं। आम तौर पर ख़राब फाइनेंशियल हैबिट्स जैसे लेट ईएमआई रीपेमेंट, लोन डिफॉल्ट, क्रेडिट कार्ड बिल का लेट पेमेंट या नॉन-पेमेंट, इत्यादि के कारण क्रेडिट स्कोर ख़राब हो जाता है। इसलिए आप अपने स्कोर को खराब होने वाले कारणों की पहचान करके और उन्हें दूर करके अपने क्रेडिट स्कोर को ठीक कर सकते हैं।
आइए इसके बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं। किस वजह से आपका क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है और इसे आप कैसे ठीक कर सकते हैं? यहाँ एक क्रेडिट स्कोर के नीचे गिरने के कुछ आम कारण बताए गए हैं।
लोन डिफॉल्ट
किसी लोन के डिफ़ॉल्ट होने या ईएमआई पेमेंट के बार-बार मिस होने के कारण एक व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर नीचे गिर सकता है, चाहे उसने ऐसा जानबूझकर किया हो या अनजाने में। आपका क्रेडिट स्कोर आपके रीपेमेंट पैटर्न का एक प्रतिबिंब है। समय पर रीपेमेंट न कर पाने की एक वजह यह भी हो सकती है कि आपने अपनी रीपेमेंट कैपेसिटी से ज्यादा बड़ा लोन ले लिया है। अब से अपने मौजूदा लोन का रेगुलर पेमेंट करके आप अपने स्कोर को फिर से ठीक कर सकते हैं। इसका असर आपको कुछ महीने बाद दिखाई देगा।
अपडेट्स की कमी
कभी-कभी लेंडर्स, क्रेडिट ब्यूरो को सही लोन स्टेटस बताने में फेल हो जाते हैं, यदि आपने पेमेंट क्लियर कर दिया है तब भी, जिसे आपने अतीत में मिस कर दिया था। इससे आपका क्रेडिट स्कोर ख़राब हो सकता है। इसलिए अपने सभी ड्यूज क्लियर करने के बाद लेंडर से ‘नो ड्यूज’ सर्टिफिकेट लेना जरूरी है। इसके अलावा, यदि आपकी क्रेडिट रिपोर्ट अपडेटेड नहीं है तो आप ‘नो ड्यूज’ सर्टिफिकेट की मदद से उस पर फोलो अप कर सकते हैं।
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हाई क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो
क्रेडिट रेशियो का मतलब है - इस्तेमाल किए गए क्रेडिट और मौजूद क्रेडिट का रेशियो। इसका रिकमेंडेड लिमिट 30% है। इससे ज्यादा क्रेडिट रेशियो आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर डाल सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हायर क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो से पता चलता है कि आप क्रेडिट के भूखे हैं। इसके अलावा, आपकी क्रेडिबिलिटी पर भी इसका बहुत बुरा असर पड़ता है। आप अपने कार्ड का क्रेडिट लिमिट बढ़ाकर या अपने खर्च को एक से अधिक कार्ड में बांटकर अपने क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो को कंट्रोल में रख सकते हैं और आपका क्रेडिट स्कोर भी ठीक रहेगा।
एक लोन गारंटर बनने की जिम्मेदारियां
यदि आप किसी के लोन के गारंटर बने हैं तो आपके क्रेडिट स्कोर पर उसके लोन रीपेमेंट बिहेवियर का भी असर पड़ सकता है। यदि वह अपना लोन चुकाने से चूक जाता है तो उसकी वजह से आपका क्रेडिट स्कोर भी ख़राब हो सकता है। इसके अलावा, यदि आप किसी के फाइनेंशियल गारंटर बने हैं तो बैंक के पास आपसे डिफ़ॉल्टेड अमाउंट वसूलने का अधिकार भी होता है। इसलिए, किसी का गारंटर बनने से पहले आपको उसके फाइनेंशियल पोजीशन के बारे में जान लेना चाहिए।
अंत में, यह जरूर याद रखें कि एक हाई क्रेडिट स्कोर, फ्यूचर में आपको लोन मिलने के चांस को ही नहीं बढ़ाता है बल्कि यह आपके लोन के कॉस्ट को भी कम करता है क्योंकि एक अच्छा क्रेडिट स्कोर आपको कम इंटरेस्ट रेट पर लोन लेने का मौका देता है।
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